पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुंबई में बिहारियों की पिटाई के लिए जिम्मेवार मुंबई नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे व उसे समर्थन दे रही कांग्रेस सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि मुंबई में बिहार का पैसा जायेगा तो बिहारी भी वहां जायेगा। उन्होंने कहा कि बिहार का पैसा मुंबई में लगे ठाकरे व उसे समर्थन देने वाली कांग्रेस की नजर में यह ठीक है मगर यहां का आदमी पसंद नहीं। यह नहीं चलेगा।
मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस पर मंगलवार को गांधी मैदान में आयोजित दो दिवसीय शिक्षा दिवस समारोह का गुब्बारे उड़ा कर उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री श्री कुमार ने कहा कि सूबे में कुछ लोग 'निराशा के मसीहा' बने बैठे हैं। वे जान लें कि हम बिहार को लाठी का नहीं ज्ञान का केंद्र बनाना चाहते हैं। अब लाठी को तेल पिलाने का जमाना नहीं है। हम लाठी में तेल नहीं कलम में रोशनाई भरने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर प्राथमिक स्कूल से बाहर रह रहे तकरीबन दस लाख महादलित व मुस्लिम समुदाय के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए महादलित शिक्षा व तालिमी मरकज योजनाओं का भी शुभारंभकिया। उन्होंने इसी माह चार सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों को चालू करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पटना की श्रीमती रुकमिणी बनर्जी को प्रथम मौलाना आजाद शिक्षा पुरस्कार के तौर पर दो लाख रुपये नकद तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर अपने हाथों उन्होंने 18 बिहारी छात्र-छात्राओं को बिहार गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई पर देश को नाज है,वहां देश भर की पूंजी लगी है। संविधान ने हर नागरिक को वहां बसने की आजादी दी है मगर वहां बिहारियों को जलील करने वालों की अब हम चलने नहीं देंगे। जोश भरे अंदाज में उन्होंने कहा कि हम सूबे का इतना विकास कर देंगे कि बिहार के छात्रों को तकनीकी पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना होगा बल्कि बाहर के लोगों को भी नौकरी करने के लिए यहां आना होगा। उन्होंने कहा कि सूबे में पांच नये मेडिकल खुलेंगे। इसके अलावा नेशनल इंस्टीच्यूट आफ फैशन टेक्नोलाजी सरीखे वे तमाम कोर्स जिनमें युवाओं की रूचि है बिहार में खोले जाने का विचार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ मामलों में भले ही बिहार पीछे हो मगर कुछ मामलों में हम पथप्रदर्शक हैं। मौलाना आजाद के जन्मदिवस को शिक्षा दिवस के तौर पर दो साल से बिहार सरकार मना रही है। देर से ही सही केंद्र ने भी इसे मान लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने तीन साल में स्कूल नहीं जा रहे 15 लाख बच्चों को दाखिल करवाया। दस लाख बाहर रहे महादलित व मुस्लिम बच्चों को चिह्नित किया गया है तथा उन्हें स्कूल में दाखिल करने की योजना चालू की गयी है। इसके तहत उनके ही समुदाय के लोगों के जरिये उनके पठन-पाठन, भोजन व रहने के स्थान की व्यवस्था की जायेगी। उन्हें पढ़ाने की क्षमता रखने वालों को सरकार मानदेय देकर प्रोत्साहित करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आयोजन के जरिये सरकार के प्राथमिक से उच्च शिक्षा के विकास के तीन साल के कार्यकलाप से जुड़े विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत करने की कोशिश की गयी है। समारोह में मानव संसाधन विकास मंत्री हरिनारायण सिंह,पूर्व विदेश राज्य मंत्री हरिकिशोर सिंह,इमारते शरिया के महासचिव सनाउल्लाह, अल्पसंख्यक आयोग के नौशाद अहमद व मदरसा बोर्ड,वक्फ बोर्ड व संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मौजूद थे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अभिवंचित वर्ग के बच्चों को स्कूल तक लाने में अहम योगदान करने के लिए पटना की श्रीमती रुकमिणी बनर्जी को प्रथम मौलाना आजाद शिक्षा पुरस्कार दो लाख रुपये नकद तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
समारोह में तकनीकी संस्थानों की प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफल पटना के शिति कंठ को आईआईटी 2008 तथा 39वें भौतिकी ओलंपियाड में गोल्ड मेडल प्राप्त करने पर डेढ़ लाख रुपये नगद, गया की भावना सिंह को सीएलएटी 2009 पीजी में प्रथम स्थान पाने पर एक लाख रुपये ,एआईआईएमएस 2008 में सफल पटना के डा. मधुकर दयाल को 50 हजार रुपये,आईआईटी जमशेदपुर परीक्षा में तीसरा स्थान पाने वाले दरभंगा के प्रणव कुमार सिंह को 50 हजार रुपये, नेशनल इंस्टीच्यूट आफ फैशन टेक्नोलाजी परीक्षा में तृतीय पटना के रोहित कुमार को 50 हजार रुपये, यूपीएससी सेंट्रल पुलिस फोर्स परीक्षा 2008 में दूसरा स्थान पाने वाले बांका के उत्ताम कश्यप को 50 हजार तथा अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष ओलंपियाड में स्वर्ण पदक विजेता दानापुर के शांतनु अग्रवाल को 50 हजार रुपये व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इसके अलावा बिहार संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में एक से तीन तक रैंक लाने वाले पटना के रमण रंजन, सुशांत कुमार, राहुल मयंक व अमित कुमार, नालंदा के विनय कुमार, खगड़िया की अनामिका भारती व प्रियंका भारती, जमुई की रजनी कुमारी, सिवान के बिनोद कुमार सिंह तथा गया के शशिकांत कुमार को तीस-तीस हजार रुपये प्रदान किये गये।
इससेपहले मुख्यमंत्री ने घूम-घूम कर वहां लगाये विभिन्न स्टालों का मुआयना किया। बाद में उन्होंने वहां आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी कुछ देर तक आनंद लिया।
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