सदी के महानायक श्री अमिताभ बच्चन के एक ट्वीट के सम्बन्ध में एक खबर छपी है जिसमे उन्होंने अपनी सम्पति का बटवारा बेटा और बेटी में बराबर करने का ऐलान किया है जो बहुत प्रशंसनीय तथा आदरयोग्य है। हज़ारों वर्षों से समाज की लिंग आधारित सोच और व्यवस्था ने नारी समाज को हर अधिकार से वंचित कर रखा था जिसमे पैतृक सम्पति पर अधिकार का न होना एक मुख्य कारण रहा है। वर्ष 2005 में भारत की संसद ने हिन्दू उत्तराधिकार ( संशोधन ) अधिनियम को संशोधित किया तथा इस संशोधन के लागू होने की तिथि यानि 9 सितम्बर 2005 से बेटे और बेटियों का पिता / माता कि पूरी चल अचल सम्पति में बराबर का अधिकार हो गया । लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि बिहार या झारखण्ड या किसी भी प्रदेश की सरकारों ने इसे लागू करने का कोई फरमान जारी नहीं किया है। न तो सरकार ने इसे प्रचारित किया न समाज ने। नतीजा यह की इस कानूनी परिवर्त्तन का लाभ अभी तक बेटियों को नहीं मिल पाया। संशोधित हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम ने बेटी को एक समान उत्तराधिकारी बनने का अधिकार उसी तरह दिया है जैसा पुत्र को प्राप्त है। यह अधिकार बेटी के बेटे बेटियों को भी वैसे ही प्राप्त है जैसे बेटे के बच्चे बचियों को। इसी तरह उनके बेटे बेटियों को भी।
यह अनूठी व्यवस्था इस देश के इतिहास में पहली बार हुई जिससे बेटियों को उनके उस घर में एक सम्मानजनक स्थिति प्राप्त हुई जहाँ वे पैदा हुईं जहाँ पली बढीं और जिन्हें यह कहकर निकाल दिया जाता रहा है कि "किसी और की अमानत है"। इस तरह वह अपने ही घोंसले से निष्काषित हो जाती है। अपने घर में उसे परायी बनकर आना जाना पड़ता है और बराबरी का पुरा माहौल ही समाप्त हो जाता है। इस तरह के निष्कासन और अपमान का दंश हर बेटी हजारो साल से झेल रहीं हैं। महानायक श्री बच्चन का वक्तव्य सामयिक है और इसलिए भी प्रशंसनीय है क्योंकि अब तक चुप्पी साधे समाज में महानायक की कही बात ज्यादा वजनदार साबित होगी और तेजी से फैलेगी जो अब तक नहीं हो सका है। अब जब केंद्र की सरकार ने नोटबंदी जैसे एक साहसिक और गंभीर कदम उठाकर अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है उसी तरह उसे देश की आधी आबादी के पिता / माता कि पूरी चल अचल सम्पति में बराबर का अधिकार दिलाने के लिए कदम उठाकर हज़ारों वर्ष से चल रहे बेटियों के प्रति हो रहे अन्याय को समाप्त करना चाहिए। तभी महानायक की उस डायलाग "मेरे पास माँ है " के तर्ज़ पर सभी माता पिता गर्व से कह सकेंगे कि "उनके पास बेटियाँ हैं"।
सरिता कुमारी
M:9835152680